Priyanka Verma

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लेखनी प्रतियोगिता - दुनिया का ताना बाना

दुनिया का ताना बाना


दुनिया का बस इतना है, ताना बाना,
तन पर कपड़े और दो वक्त का खाना,
हर किसी का जीवन, इसके इर्द गिर्द ही बुना,
कोई बेहतर तो, तो कोई गरीबी में सना
आपसी रिश्तों के खराब होने का यही कारण बना ,

अच्छे कपड़े और अच्छा खान पान, 
अमीरों की निशानी बन गया,
चिथड़ों में लिपटा जीवन, 
गरीबी की पहचान हो गया,

दो रोटी के चक्कर में,
 ये इंसान क्या से क्या हो गया,
चोरी, चकारी, झूठ बोलने में,
ये हर तरह से माहिर हो गया,

प्रकृति ने हर तरह से भंडार भरे हैं,
हर किसी के नसीब में 
जीने के लिए जरूरी दाना पानी लिखे हैं,
लेकिन फिर भी ये छल कपट में इतना डूब गया,
अपनी थाली में इसे हर बार कम ही लगा,

समय पर दो वक्त का खाना,
और तन ढकने के लिए कपड़े मिलना
सब कर्मों का खेल है,
पता नहीं फिर भी क्यों, 
इसके लिए इतनी रेलम पेल है?


प्रियंका वर्मा
17/6/22



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11 Comments

Neema bisht

25-Jun-2022 07:42 AM

बहुत सुंदर रचना

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Priyanka Verma

18-Jun-2022 09:24 PM

Thank you so much 🙏💐😊

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Pallavi

18-Jun-2022 09:14 PM

Nicely written 😊

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